ऐलनाबाद उपचुनाव : भाजपा का दावा, भय के खिलाफ भारी हुआ विकास का मुद्दा
Ellenabad by-election
मुख्यमंत्री के दौरे से भाजपा को मिली मजबूती, विरोध करने वाले हुए शांत
चंडीगढ़। ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रवेश करने से चुनावी समीकरण बदल गए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रचार के अंतिम दो दिनों में यहां एक दर्जन से अधिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर जहां भाजपा प्रत्याशी को मजबूत किया वहीं मुख्यमंत्री अपने दौरों के दौरान यह संदेश देने में भी कामयाब रहे कि अभी तक यहां की जनता जिस भय के साये में वोट करती आई है वह अब यहां नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी व जननायक जनता पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी गोविंद कांडा का चुनाव प्रचार पहले चरण में कुछ धीमा रहा। लेकिन प्रचार जब अंतिम दौर में पहुंचा तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने मोर्चा संभाल लिया। इस क्षेत्र में कुछ गांव ऐसे हैं जहां उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का भी प्रभाव है। इसके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल जब प्रचार के लिए मैदान में उतरे तो उन्होंने यहां की लगभग सभी जनसभाओं में लोगों को यह संदेश देने का प्रयास किया अब भय व भ्रष्टाचार का दौर समाप्त हो चुका है।
ऐलनाबाद के लोगों से मिले फीडबैक के अनुसार यहां पूर्व में हुए चुनावों के दौरान न केवल हिंसा की घटनाएं होती रही हैं बल्कि एक पार्टी के नेताओं द्वारा लोगों को डरा धमका कर वोट डलवाई जाती रही है। जिसके चलते मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दौरे पर पूरा फोकस इसी बात पर रहा कि यहां के लोगों के दिलों से किसी एक पार्टी अथवा उसके प्रत्याशी द्वारा बनाए जाने वाले खौफ को समाप्त करके सुचारू ढंग से मतदान करवाया जाए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दो दिन तक यहां करीब 12 जनसभाओं को संबोधित किया। इनमें कई जनसभाएं गांवों में थी। इन गांवों में शुरुआती दौर में एक साजिश के तहत भाजपा प्रत्याशी का विरोध भी करवाया गया लेकिन प्रचार के समाप्त होते-होते विरोध करने वाले गायब हो गए और मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा उनके मंत्रियों ने 76 गांवों में करीब दो सौ चुनावी जनसभाएं अथवा नुक्कड़ बैठकें की।
इस प्रचार अभियान के दौरान भाजपा के मंत्रियों का पूरा फोकस विकास ही रहा। प्रचार में शामिल हुए कृषि मंत्री जेपी दलाल, सहकारिता मंत्री बनवारी लाल, खेल मंत्री संदीप सिंह, बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने अपने प्रचार में विकास को सबसे आगे रखा। इस प्रचार के माध्यम से मनोहर के मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों में हुए विकास कार्यों पर भी एक रिपोर्ट दी। जिसके बाद यह साफ हो गया है कि इस चुनाव में भय के खिलाफ विकास का मुद्दा हावी रहेगा।